Navidaya Prayer

नवोदय प्रार्थना (Navodaya Morning Prayer)

हम नवयुगकी नई भारती, नई आरती । नव सूर्योदय, नव चंद्रोदय, हमी नवोदय हों, हम स्वराज्य की ऋचा (रिचा) नवल, भारत की नवलय हों ।

रंग जाति पद भेद रहित, हम सब का एक भगवान हैं संतान धरती माँ की हम, धरती पूजा स्थान हैं, पूजा के खिल रहे कमल दल, हम भवजल में सर्वोदय के नव बसंत के, हमी नवोदय हों हम स्वराज्य की ऋचा (रिचा) नवल, भारत की नवलय हों ।

मानव हैं हम हलचल हम, प्रकृतिके पावन वेशकी, खिलें फलें हममें संस्कृति इस, अपने भारत देशकी, हम हिमगिरि हम नदियाँ हम सागरकी लहरें जीवनकी मंगल माटीके, हमी नवोदय हों हम स्वराज्य की ऋचा (रिचा) नवल, भारत की नवलय हों ।

हरी दूधिया क्रांति शांति के, श्रमके वंदनवार हों भागीरथ हम धरती माँके सूरम पहरेदार हों, नित्य सत्य शिव सुँदर हम धरती पर नभमें अंतरिक्षके यान ग्यान के, हमी नवोदय हों, हम स्वराजकी ऋचा नवल, भारत की नवलय हों ।